भोपाल - प्रदेश में नए डीजीपी की अटकलों के बीचविशेष पुलिस महानिदेशक मैथिलीशरण गुप्त ने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त की है। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि मैं अपने आप को पीड़ित नहीं दिखाना चाहता, सरकार को स्वीकार करना चाहिए कि मैं इतनी क्षमता रखता हूं- इस व्यवस्था में बदलाव ला सकता हूं। सामाजिक सहभागिता बहुत जरूरी है।
गुप्त ने अपनी पोस्ट में कहा-वे खुद को व्यथित या परेशान के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करना चाहते। परन्तु सरकार को महसूस करना चाहिए कि वे राज्य में पुलिसिंग को सुचारू रूप से चालू रखने की क्षमता रखते हैं।
2019 में डीजीपी की नियुक्ति से पहले मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने तीनो सीनियर आईपीएस से खुद चर्चा की थी। इसमें वर्तमान डीजीपी के अलावा डीजी जेल संजय चौधरी और पुलिस महानिदेशक डॉ. मैथिलीशरण गुप्त शामिल थे। इस महीने एक बार फिर प्रदेश में डीजीपी के बदले जाने की कवायद चल रही हैं तो एसआईटी चीफ राजेंद्र कुमार के नाम की चर्चा में आगे है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने डीजीपी वीके सिंह से काम देखते रहने को कहा है
सूत्रों की मानें तो बदले जाने की कवायद करीब एक महीने से चल रही थी। इस पद के दावेदारों में मैथिलीशरण गुप्त, अशोक दोहरे, केएन तिवारी, शैलेन्द्र श्रीवास्तव के अलावा कई अन्य और भी नाम थे। परंतु सहमति राजेन्द्र कुमार के नाम पर बनने के आसार दिख रहे है। खबर है कि मंगलवार तक सरकार डीजीपी के नए नाम को लेकर निर्णय ले लेगी। राजेन्द्र कुमार हनी ट्रैप मामले के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख भी हैं। कुमार 1985 बैच के आईपीएस अफसर हैं। इससे पहले डीजीपी विजय कुमार सिंह को कांग्रेस सरकार ने जनवरी, 2019 में जिम्मेदारी सौंपी थी। सरकार डीजीपी के काम से संतुष्ट नहीं चल रही थी। इसकी जो तीन प्रमुख कारण हैं- उसमें राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता की तरफ से थप्पड़ कांड, हनी ट्रैप केस की जांच केलिए एसआईटी चीफ नियुक्ति को लेकर सरकार को भरोसे में नहीं लेना और पुलिस कमिश्नर प्रणाली को लेकर खींचतान को प्रमुख वजह मानी जा रही है।