अतिथि शिक्षकों को दिलाया यकीन, कहा- वादे पूरे नहीं हुए तो आपके साथ सड़कों पर उतरूंगा सिंधिया

  • कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया टीकमगढ़ के खरगापुर इलाके में एक सभा को संबोधित कर रहे थे

  • शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी होने पर कहा-वचनपत्र हमारे लिए पवित्र ग्रंथ से कम नहीं, एक-एक वचन पूरा होगा 


  • टीकमगढ़  कांग्रेस नेता श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया  ने अतिथि शिक्षकों को भरोसा दिलाया  । उन्होंने कहा-मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी मांगें हमारी सरकार के घोषणापत्र में शामिल हैं। और यह किसी पवित्र ग्रंथ से कम नहीं है। धैर्य रखें। अगर घोषणा पत्र में सभी वादे पूरे नहीं होते हैं, तो यह मत सोचिए कि आप अकेले हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आपके साथ सड़कों पर उतरेंगे। सिंधिया गुरुवार को टीकमगढ़ की खरगापुर विधानसभा के ग्राम कुड़ीला में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। वे यहां संत रविदास के प्राकट्योत्सव कार्यक्रम में भाग लेने आए थे।


    सिंधिया ने मंच से शिक्षामंत्री के खिलाफ नारे लगा रहे कुछ युवकों को भी शांत कराया। उन्होंने कहा कि नेता को तभी खुश होना चाहिए, जब तक जनता खुश हो। अतिथि शिक्षक और अन्य कार्यकर्ताओं ने फिर से मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए।सिंधिया ने समझाइश देते हुए कहा कि ना..ना...ना...ना....ओ लड़के... ओ लड़के शांत....जब मैं कह रहा हूं, तो शांत हो जाओ और मेरी बात गौर से सुनो। उन्होंने कहा कि यहां मुद्दे बहुत हैं और मैं हर मुद्दे पर बात करूंगा। आपके बीच एक नेता नहीं, जनसेवक खड़ा, जो आपके दुख में कंधे से कंधा मिलाकर हमेशा चला है।उन्होंने कहा कि संत रविदास के आदर्शों को अगर हम चरितार्थ कर लें, तो जीवन धन्य हो जाएगा। हम सब संत रविदास और बाबा साहब अंबेडकर के पद चिह्नों पर  चलने का संकल्प लें।


    अतिथि शिक्षकों से कहा- सब्र रखिए
    सिंधिया ने कहा- "अतिथि शिक्षकों को कहना चाहता हूं कि आपकी मांग चुनाव के पहले सुनी थी, और आपकी मांग को मैंने ही उठाया था। आपकी मांग हमारे वचनपत्रमें अंकित है, जो हमारे लिए किसी  पवित्र ग्रंथ  से कम नहीं है। अभी सरकार को बने सिर्फ एक साल ही हुआ है। शिक्षकों को थोड़ा सब्र रखना होगा। इस मंच से अतिथि शिक्षकों को विश्वास दिलाता हूं  अगर 5 साल में वचनपत्र की एक-एक बात पूरी नहीं हुई, तो आपकी ढाल मैं बनूंगा और आपकी तलवार भी मैं बनूंगा।"


    काबिलियत के आधार पर व्यक्ति का विकास हो
    सिंधिया ने कहा-काबिलियत के आधार व्यक्ति के विकास का रास्ता साफ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेशविधानसभा की 230 सीटों में आरक्षण है, लेकिन मंत्रिमंडल में आरक्षण नहीं होता। इसके बावजूद मप्र सरकार में इस समय 28 मंत्रियों में से 5 मंत्री अनुसूचित जाति और जनजाति से हैं। जिनके कंधों पर मप्र का विकास टिका है। यह केवल अहिरवार समाज का नेतृत्व नहीं कर रहे, ये मंत्री पूरे मप्र का नेतृत्व करते हैं। कहा- महिलाओं के पूरेअधिकार प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाएंगे।


    अतिथि शिक्षकों को बोनस के रूप में 25 अंक दिए : शिक्षा मंत्री


    कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही हमने अतिथि शिक्षकों को बोनस के रूप में 25 अंक दिए। यह बात सुनते ही मंच के बगल में आवेदन देने पहुंचे अतिथि शिक्षक बिफर गए, और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारे लगाने लगे। हाथों में सरकार अपना वचन निभाओ, जब मर जाएंगे तब क्या अपना वचन निभाओगे नारे लिखीं तख्तियां लहराने लगे।


    समर्थकों में फिर दिखी नाराजगी


    सिंधिया नेभाषण में मंच पर बैठे सभी मंत्रियों, जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायकों के नाम लिए, लेकिन टीकमगढ़ के सबसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह बुंदेला को उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। जिससे उनके समर्थकों में नाराजगी दिखी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय नेता को इस तरह से हमारे स्थानीय नेता को अनदेखा करना शोभा नहीं देता।